शनिवार, ६ जुलै, २०१३

चलो एक बार फिर से




चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो

ना मैं तुम से, कोई उम्मीद रख्खू, दिलनवाज़ी की
न तुम मेरी, तरफ देखो, ग़लत अंदाज़ नज़रों से
न मेरे दिल की धड़कन, लड़खड़ाये, मेरी बातों से
ना जाहीर हो, तुम्हारी, कश्मकश का, राज नजरों से
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो

तुम्हें भी, कोई उलझन, रोकती हैं, पेशकदमी से,
मुझे, भी लोग, कहते हैं, की ये जलवे, पराये हैं
मेरे हमराह भी रुसवाईयाँ हैं, मेरे माझी की
मेरे हमराह भी, रुसवाईयाँ हैं, मेरे माझी की
तुम्हारे, साथ भी, गुज़री हुई रातों के, साये हैं
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो

तार्रूफ, रोग हो जाये, तो उसको, भूलना बेहतर
ताल्लूक बोझ बन जाये, तो उसको, तोड़ना अच्छा
वो अफ़साना, जिसे अंजाम तक, लाना न हो मुमकिन
वो अफ़साना, जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे, एक, खूबसूरत मोड़ दे कर, छोड़ना अच्छा
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनो
चलो एक बार....

गीतकार: साहिर लुधियानवी
संगीतकार: रवि
गायक: महेंद्र कपूर
चित्रपट: गुमराह

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